जगदलपुर। पूर्व केंद्रींय मंत्री और प्रदेश सर्व आदिवासी समाज से जुड़े अरविंद नेताम ने कहा कि सारकेगुड़ा के दोषियों पर मामला दर्ज होना चाहिए। नेताम ने कहा कि अभी और मामलों की जांच में कुछ इसी तरह के खुलासों की संभावना है। उन्होंने कहा कि महीने पहले न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद भी इसे क्यों नजर अंदाज किया गया, यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज बहुत पहले से फोर्स की ज्यादतियों को लेकर सचेत करता आया है, जिसे आशंका मानकर दरकिनार किया जाता रहा।
अब सारकेगुड़ा की सच्चाई जानने के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट ने हमारी आशंका को सही साबित कर दिया है। नेताम ने कहा कि हमारी सदा से मांग रही है कि बस्तर में बाहरी जवानों के हाथ में सुरक्षा की कमान न दी जाए, क्योंकि वे यहां के परिवेश आचार-व्यवहार, बोली -भाषा और रहन-सहन से नावाकिफ होते है। उन्होंने नक्सल और फोर्स की वजह से पीड़ित आदिवासी को बेहतर मुआवजे की मांग करते हुए कहा कि जब कोई इनामी नक्सली सरेंडर करता है तो उस पर घोषित इनाम के अलावा उसे अच्छा-खासा लाभ दिया जाता है।