रायपुर। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके ने कहा कि भारत की बौद्धिक संसाधन की ताकत ही उसे पूरे विश्व में एक अलग स्थान देती है। उईके ने आज डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रथम दीक्षांत समारोह में कहा कि तकनीकी शिक्षा संस्थान नवाचार और रचनात्मक कार्यों के केन्द्र के रूप में स्थापित हों। हमें अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नए-नए क्षेत्रों में शोध और रचनात्मकता को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि आज विश्व के सभी प्रमुख देशों जैसे अमेरिका आदि में भारतीय उच्च तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में कार्य कर रहे हैं, इनमें कुछ तो बड़ी कंपनियों के सी.ई.ओ.और कुछ प्रशासनिक सलाहकार की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर विद्यार्थियों से अपने तकनीकी ज्ञान का उपयोग कर छत्तीसगढ़ के विकास में सहभागी बनने का आव्हान किया। बघेल ने कहा कि कृषि उपजों और वनोपजों से तकनीकी के बेहतर उपयोग से अधिक से अधिक रोजगार के अवसर कैसे पैदा किये जा सकते हैं।किसानों के लिए इसे कैसे लाभप्रद बनाया जा सकता है। इस दिशा में शोध किया जाना चाहिए।उन्होने कहा कि पिछले 200 वर्षों में विज्ञान ने हर क्षेत्र में तरक्की की है, लेकिन इस तरक्की के साथ-साथ अनेक चुनौतियां भी हमारे सामने आ खड़ी हुई है, शुद्ध वायु और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने विद्यार्थियों से शोध के क्षेत्र में कार्य करने का आव्हान करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में शोध के क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं विद्यमान हैं।