नई दिल्ली। जहां एक ओर मानसूनी फुहारों से ज्यादातर कृषि जिंसों के दाम नरम पड़ गए, वहीं चने के दाम लगातार गरम बने हुए है। बारिश के कारण आपूर्ति कमजोर पड़ने के कारण पिछले एक महीने में चने का भाव करीब 26 फीसदी बढ़ गया है। जोरदार तेजी के चलते हाजिर बाजार में चना आठ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। हाजिर बाजार में करीब छह महीने के बाद चना सरकारी मूल्य (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के करीब पहुंच गया है।
मानसून के आगमन के साथ चने में शुरू हुआ तेजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार छह महीने तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे कारोबार करने वाला चना एमएसपी के करीब पहुंच गया है और हाजिर बाजार में तो यह एमएसपी के स्तर को भी पार कर गया है।
दिल्ली के हाजिर बाजार में चना 4400 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। हाजिर बाजार में आई इस तेजी का असर वायदा बाजार पर भी पड़ा है। एक महीना पहले वायदा बाजार में 3300 रुपए के नीचे कारोबार करने वाला चना 4200 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है। एनसीडीईएक्स पर जुलाई अनुबंध में चने की कीमतें बढ़कर 4150 रुपए अगस्त अनुबंध में 4215 रुपए सितंबर में 4244 रुपए और अक्टूबर अनुबंध में इसका भाव 4332 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया है।
चने में तेजी की वजह मंडियों में कमजोर आवक को बताया जा रहा है। चना कारोबारियों का कहना है कि बारिश के कारण आवक कम है जबकि दाल मिलों की तरफ से मांग बनी हुई है जिससे कीमतें बढ़ रही है।