नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो अअ ऑटो एक्सपो में अपनी कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजीज पेश करने जा रही है। जियो ये तकनीक पेश करने वाली देश की पहली दूरसंचार कंपनी बनने जा रही है। ये टेक्नोलॉजी अब तक केवल वैश्विक कार निर्माताओं के पास ही थी। इसके साथ ही जियो एक सिर्फ टेलीकॉम कंपनी के बजाय खुद को इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) सॉल्यूशंस प्रोवाइडर के रूप में प्रोजेक्ट कर सकेगी। जियो ने अपनी टेलीकॉम सर्विस सितंबर 2016 में शुरू की थी।
जियो ट्रांसपोर्ट सर्विस प्रोवाइडर और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के लिए कार कनेक्ट वाहन ट्रैकिंग सिस्टम पेश करेगी। इस एक्सपो के साथ जियो भविष्य के कनेक्टेड वाहनों के लिए कनेक्टिविटी, नेटवर्क और प्रौद्योगिकी की भूमिका साबित करेगी। बता दें कि Jio नवी मुंबई में अपने कैम्पस में एक साल से भी ज्यादा समय से कनेक्टेड कार तकनीकों पर काम कर रही है। जियो के कनेक्टेड वाहनों के उपयोग के मामलों में हार्डवेयर, क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म, डेटा प्रबंधन शामिल हैं। वैसे एक बात गौर करने वाली है कि जियो ऐसे समय में कनेक्टेड कार सेगमेंट में कदम रखने जा रही है जब ऑटो सेक्टर में मंदी चल रही है।
जियो इस समय टेलीकॉम सेक्टर में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली कंपनी है। जियो की सबसे प्रमुख प्रतिद्वंदी कंपनियों एयरटेल और वोडाफोन पर भारी घाटे और एजीआर चुकाने का दबाव है। वैसे बता दें कि जिस नयी तकनीक की शुरुआत जियो करने जा रही है, इसका ऐलान मुकेश अंबानी ने पिछले साल ही कर दिया था। पिछले साल जुलाई में रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक आम बैठक में अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कहा था कि आईओटी कंपनी के लिए एक प्रमुख "विकास इंजन" होगा। जानकार भई कहत हैं कि कनेक्टेड मोबिलिटी भविष्य है। 5जी-फर्स्ट युग में जियो के लिए खुद को आईओटी कंपनी के रूप में स्थापित करना बेहतर है।