नई दिल्ली। करीब 60 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के कर्ज स्थानांतरण के लिए बनी कंपनी एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) ने पूँजी बाजार में बॉन्ड जारी कर सात हजार करोड़ रुपये जुटाये हैं। यह लगातार दूसरा महीना है जब एआईएएचएल ने बॉन्ड जारी कर बाजार से सात हजार करोड़ रुपये जुटाये। उसने पिछले महीने भी बॉन्ड के माध्यम से बाजार से सात हजार करोड़ रुपये जुटाये थे। इस प्रकार एक महीने के भीतर वह 14 हजार करोड़ रुपये पूँजी बाजार से जुटा चुकी है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आज बताया एआईएएचएल ने 7.39 प्रतिशत की दर पर एक हजार करोड़ रुपये के 10 साल के बॉन्ड जारी किये थे। साथ ही ‘ग्रीन शू’ विकल्प के तहत छह हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त बॉन्ड भी जारी किये गये थे। निवेशकों ने 21,736 करोड़ रुपये की बोली लगायी। मंत्रालय ने बताया कि पूरे सात हजार करोड़ रुपये के बॉन्ड के लिए बोली स्वीकार करने का फैसला किया गया है। सितंबर में एआईएएचएल ने तीन साल के लिए एक हजार करोड़ रुपये का बॉन्ड 6.99 प्रतिशत ब्याज दर पर जारी किया था।
उस समय भी ‘ग्रीन शू’ विकल्प के तहत छह हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त अभिदान स्वीकार किया गया था। एयर इंडिया के विनिवेश से पहले उसका 29 हजार करोड़ रुपये का कर्ज एआईएएचएल को स्थानांतरित किया जाना है। बॉन्ड बेचकर जुटाई गयी राशि से एयर इंडिया का कर्ज चुका दिया जायेगा तथा एआईएएचएल बाद में बॉन्ड की अवधि पूरी होने पर उसका भुगतान निवेशकों को करेगी। पिछले साल के उत्तरार्द्ध में कंपनी के विनिवेश का पहला प्रयास विफल होने के बाद दुबारा सत्ता में आने पर मोदी सरकार ने एक बार फिर एयर इंडिया के विनिवेश की तैयारी की है।
पिछली बार 74 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली आमंत्रित की गयी थी, लेकिन कोई खरीददार सामने नहीं आया। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी संकेत दे चुके हैं कि इस बार सरकार शत-प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए निविदा जारी करेगी। विनिवेश प्रक्रिया की निगरानी और इस संबंध में फैसले लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह का गठन हो चुका है।