मुंबई। सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरमाको के दो संयंत्रों पर हुये हमलों के बाद कच्चे तेल में रिकॉर्ड तेजी से अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया सोमवार को 68 पैसे लुढ़ककर 71.60 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। भारतीय मुद्रा लगभग दो सप्ताह में पहली बार कमजोर हुई है। यह 03 सितंबर के बाद से लगातार मजबूत हुई थी। इस दौरान सात कारोबारी दिवसों में यह 147 पैसे चढ़ी थी। पूर्वी सऊदी अरब के खुरैस और अबकैक में सरकारी पेट्रोलियम कंपनी सऊदी अरामको के संयंत्रों पर शनिवार को ड्रोन से हमला हुआ था जिससे वहाँ आग लग गयी थी। इस हमले के कारण कच्चे तेल की आपूर्ति में 57 लाख बैरल और कंपनी के उत्पादन का लगभग 50 प्रतिशत नुकसान होने का अनुमान है जो वैश्विक उत्पादन का पाँच प्रतिशत है।
हमले के बाद पहली बार सोमवार को बाजार खुला तो सुबह के समय कच्चा तेल लगभग 20 प्रतिशत की छलाँग लगाकर 71 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुँच गया। यह खाड़ी युद्ध के समय 14 जनवरी 1991 के बाद की सबसे बड़ी तेजी है। हालाँकि बाद में यह करीब 10 प्रतिशत की बढ़त में 67 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रह गया। इस कारण रुपये पर आरंभ से ही दबाव रहा। यह 62 पैसे की गिरावट में 71.54 रुपये प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह सीमित दायरे में ही रहा। इसका दिवस का उच्चतम स्तर 71.41 रुपये प्रति डॉलर और निचला स्तर 71.55 रुपये प्रति डॉलर दर्ज किया गया। कारोबार की समाप्ति पर यह गत दिवस के मुकाबले 68 पैसे नीचे 71.60 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। यह 05 अगस्त के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।