नई दिल्ली। साधारण कारोबार के बीच स्थानीय तेल तिलहन बाजार में शनिवार को विदेशों में मजबूती के रुख और मामूली स्थानीय मांग के कारण सोयाबीन और पामोलीन तेल कीमतों में मामूली तेजी आई जबकि विभिन्न खाद्य तेलों एवं तिलहनों की कीमतें अपरिवर्तित बनी रहीं। बाजार सूत्रों के अनुसार तेल-तिलहन उद्योग को सरकार से वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान कुछ राहत मिलने की उम्मीद थी।
राहत नहीं मिलने से बाजार में निराशा का माहौल है जिससे कारोबार कमजोर बना हुआ है। व्यापारियों के मुताबिक एक तरफ सरकार तिलहन का समर्थन मूलय बढ़ा रही है जबकि दूसरी तरफ विदेशों से खाद्य तेलों का सस्ता आयात जारी है। इससे बढ़े समर्थन मूल्य का लाभ किसी को नहीं मिल रहा है। उल्टा लागत बढ़ने से घरेलू खाद्य तेलों पर दबाव बना हुआ है। मामूली मांग की वजह से सोयाबीन मि डिलीवरी दिल्ली और सोयाबीन मि डिलीवरी इंदौर की कीमतें क्रमश: 50-50 रुपए की तेजी के साथ क्रमश: 7,900 रुपए और 7,800 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुई।