नई दिल्ली। पिछले महीने रिपोर्ट आई थी कि भारत में डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध है। क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट के प्रस्ताव के मुताबिक देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। अब एक पत्र के जवाब में सरकार की ओर से कहा गया है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं है। दरअसल तेलंगाना के निजामाबाद से सांसद धर्मपुरी श्रीनिवास ने राज्यसभा में लिखित रूप में सवाल पूछा था कि क्या सरकार ने आधिकारिक तौर पर क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसके जवाब में सरकार की ओर से कहा गया कि नहीं, भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर आधिकारिक प्रतिबंध नहीं है।
उन्होंने एक और सवाल पूछा कि क्या सरकार ने देश में क्रिप्टोक्यूरेंसी की व्यापकता के बारे में ध्यान दिया है और क्या बाजार में क्रिप्टोक्यूरेंसी इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा रही है। सांसद के सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि नहीं, क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं है। ठाकुर ने सवाल का जवाब देते हुए आगे कहा कि वर्तमान में, क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित मामले के लिए देश में अलग से कोई कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कार्रवाई आरबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग के मौजूदा कानून के तहत होगी और भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के मामले में पुलिस आईपीसी की धारा के तहत कार्रवाई करती है और क्रिप्टोकरंसी से जुड़े जोखिमों और खतरों के मद्देनजर, सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया समय-समय पर जनता के हित में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रहे हैं। बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अगले सप्ताह सुनवाई होने वाली है।