चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खेहरा ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों के अपना आयकर खुद भरने के मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक भी अपना आयकर खुद भरने को तैयार हैं बशर्ते मुख्यमंत्री गंभीरता से फिजूलखर्ची पर लगाम लगाएं। खेहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री को पंजाब की वित्तीय स्थिति देखते हुए मितव्ययता से काम लेना होगा और सलाहकारों, विशेष अधिकारियों (ओएसडी) की फौज की छुट्टी करनी होगी। पंजाब सरकार ने मंत्रिमंडल की गुरुवार को बैठक के बाद घोषणा की थी
कि मुख्यमंत्री और मंत्री अपना आयकर खुद भरेंगे हालांकि विधायकों की छूट बरकरार रखते हुए कहा कि इस बारे में अंतिम निर्णय बाद में लिया जायेगा जबकि सरकारी खजाने से इस मद में भरी जाने वाली कुल रकम लगभग ग्यारह करोड़ आठ लाख रुपए में से दस करोड़ बहत्तर लाख रुपये विधायकों का आयकर है। खेहरा ने कहा कि इस समय 10 अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं, दर्जन भर वित्त आयुक्त, कई प्रशासनिक सचिव हैं। उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री को सलाह और सहायता के लिए 19 अधिकारी क्यों चाहिएं। आप नेता ने इस सरकार के दो दर्जन आयोग गठित करने पर भी सवाल उठाया और कहा कि ऐसे आयोगों से हासिल कुछ नहीं होता
लेकिन सरकारी खजाने को चपत लगती है। खेहरा ने मुख्य प्रधान सचिव (सीपीएस) सुरेश कुमार की नियुक्ति के बचाव के लिए पी चिदंबरम जैसे महंगे वकीलों की सेवाएं लेने पर भी ऐतराज किया और कहा कि उच्च न्यायालय में एक दिन की पेशी के लिए चिदंबरम को राज्य के हेलीकॉप्टर में लाया गया और 25 लाख रुपए की फीस भी दी गई। उन्होंने कहा कि यह सारी फिजूलखर्ची रुकनी चाहिए तभी मुख्यमंत्री कैप्टन अमंरिदर सिंह के मितव्ययता के कदम सार्थक माने जाएंगे। आप नेता ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री उनके सुझाव नहीं मानते तो उसका मतलब होगा कि उनके और मंत्रियों के आयकर खुद भरने की घोषणा सिर्फ एक छलावा थी।