नई दिल्ली। देश में स्मार्टफोन और इंटरनेट पहुंच बढ़ने से क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट की मांग में तेजी आयी है और इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या में भी वृद्धि का रूख देखा जा है। अब क्षेत्रीय कंटेंट बनाने में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ रही है। महिलाओं के लिए यूजर जनरेटेड कंटेंट प्लेटफार्म मॉमस्प्रेसो डॉटकॉम ने इस संबंध में मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में इसे पिछले वर्ष की तुलना में क्षेत्रीय कंटेंट क्रियेटरों (रचनाकारों) में 228 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गयी है और क्षेत्रीय भाषाई पेज व्यू पिछले 12 महीनों में 180 प्रतिशत बढ़े हैं। इस प्लेटफॉर्म पर क्षेत्रीय कंटेंट के लिए सात करोड़ से ज्यादा मासिक पेज व्यू दर्ज किए गये हैं। महिलाओं को दस भाषाओं में टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो कंटेंट के माध्यम से खुद को व्यक्त करने में सक्षम बनाने वाले इस प्लेटफार्म ने बताया कि वर्तमान में बनाई गई सामग्री का 65 प्रतिशत क्षेत्रीय भाषाओं में है और यह कुल पेज व्यू का 85प्रतिशत है।
भारतीय भाषा के इंटरनेट यूजरों की संख्या के वार्षिक 18 फीसदी की वृद्धि से वर्ष 2021 तक 53.6 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है जबकि अंग्रेजी यूजरों की संख्या इसी अवधि में 3 प्रतिशत की दर से बढ़कर 19.9 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। मॉमस्प्रेसो की रिपोर्ट के अनुसार उसके प्लेटफॉर्म पर 43 प्रतिशत कंटेंट हिंदी भाषा में बना रहे हैं और कुल पेज व्यू में इसकी हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है। पिछले 12 महीने में मराठी में कंटेंट बनाने वालों की संख्या 7 गुना , हिंदी में तीन गुना, बंगला में 3.3 गुना और तमिल में 5 गुना की बढोतरी दर्ज की गयी है।