मुंबई। अक्षय कुमार और रजनीकांत की फिल्म 2.0 के सामने एक नई चुनौती आ गयी है। मोबाइल आॅपरेटरों की संस्था ने तथ्यों को गलत ढंग से दिखाने का आरोप लगाते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से फिल्म के सेंसर सर्टिफिकेट को रद्द करके इसके पुनर्परीक्षण की मांग की है।
शंकर निर्देशित 2.0 इस साल की बहुप्रतीक्षित फिल्मों में शामिल है। एंधीरन के इस सीक्वल में रजनीकांत और अक्षय कुमार पहली बार आमने-सामने आ रहे हैं। अक्षय कुमार फिल्म में एक सिरफिरे साइंटिस्ट के किरदार में हैं जो मोबाइल फोन और टॉवर्स से निकलने वाले विकिरण से पर्यावरण और पक्षियों को होने वाले खतरों के चलते इसके खिलाफ एक जंग छेड़ देता है।
फिल्म के ट्रेलर से इस कहानी का अंदाजा हो जाता है और कहानी का यही बिंदु मोबाइल ओपरेटरों के विरोध की वजह बना है। मोबाइल आॅपरेटर्स और की संस्था Cellular Operators Association Of India (COAI) ने सूचना मंत्रालय में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज़ करवाई है। शिकायत में दावा किया गया है कि 2.0 के ट्रेलर्स, टीजर्स और प्रमोशनल वीडियो में यह गलत रूप से दिखाया गया है कि मोबाइल फोन और टॉवर्स के इर्द-गिर्द बनने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक क्षेत्र की वजह से पर्यावरण या जीवित प्राणियों को नुकसान पहुंचता है।