मुंबई। अभिनेत्री प्रीति जिंटा का मानना है कि अगर नायिकाएं नायकों की तरह अपने फिल्मी करियर को अधिक समय देती हैं तो अभिनेत्रियों के लिए लंबे समय तक टिके रहना संभव है। 43 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा कि तथ्य यह है कि समाज अभी भी पितृसत्तात्मक व्यवस्था का है, जिसमें महिलाओं के लिए करियर बनाना मुश्किल होता है और फिल्मी सितारों के साथ भी यही स्थिति है।
प्रीति जिंटा ने बताया, अगर एक अभिनेत्री बरसों बरस काम करती है तब वह भी स्टारडम हासिल कर लेगी। कई अभिनेत्रियां शादी और बच्चों की वजह से करियर से विराम लेती हैं। मैंने भी कुछ सालों का विराम लिया। ऐसे में लोगों को सेब से सेब की तुलना करनी चाहिए। आप सेब की नारंगी से तुलना नहीं कर सकते शादी और बच्चे के बाद एक अभिनेत्री के जीवन में ऐसा समय आता है कि वह बच्चे की देखभाल करती है और तब वह फिल्मों से बाहर हो जाती है। ''
उन्होंने कहा, यह एक पितृसत्तात्मक समाज है, लेकिन इन दिनों शादीशुदा नये कलाकार आ रहे हैं और काम कर रहे हैं। चीजें बदल रही हैं। नायक नायिकाओं की तुलना करना अव्यवहारिक हैं क्योंकि उनका जीवनकाल अलग है।''बहरहाल प्रीति जिंटा का मानना है कि आज समाज और पर्दे दोनों जगह महिलाओं के प्रति सोच बदली है।