मुंबई। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) परिसर में रविवार को हुई हिंसा की घटना पर बॉलीवुड कलाकारों ने सोमवार को आक्रोश जताया और तीखी निंदा की है। मनोज वाजपेयी ने सोशल मीडिया पर हिंसा की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है, ये तस्वीरें, क्रूर, भयावह और डरावनी हैं। किसी भी लोकतंत्र के कॉलेज और विश्वविद्यालय इतने असुरक्षित नहीं होने चाहिए कि जहां गुंडे प्रवेश कर नुकÞसान पहुंचाएं, ख़ौफ पैदा करें।’’ नागरिकता संशोधन कानून का मुखरता से विरोध करने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने अपने ट्वीट में कहा,जेएनयू में कल रात हुआ हमला पिछले तीन सालों से जेएनयू के छात्रों, इसके शिक्षकों और इस संस्था के ख़लिाफ सरकार, गोदी मीडिया, बीजेपी के आईटी सेल और जेएनयू के वीसी और जेएनयू प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे दुष्प्रचार की परिणति है।
कोंकणा सेन शर्मा ने अपने ट्वीट में कहा, छात्रों पर हमला करने वाले ये डरपोक कौन हैं? पुलिस छात्रों की सुरक्षा क्यों नहीं कर रही है?? विश्वास नहीं होता। शबाना आजमी ने जेएनयू हिंसा की निंदा करते हुए कहा, ये तो हद है। सिर्फ निंदा ही काफी नहीं है। अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। फिल्म निर्माता निर्देशक अनुराग कश्यप ने अपने ट्वीट में कहा, अब बारी भाजपा की है निंदा करने की । वो बोलेंगे कि ये जिन्होंने किया गÞलत था , लेकिन सच यह है कि जो हुआ भाजपा और एबीवीपी ने किया और नरेंद्र मोदी और अमित शाह की निगरानी और छत्रछाया में किया। दिल्ली पुलिस के साथ मिल के किया। यही एकमात्र सच है। ऋचा चड्ढा ने 1922 के चौरी-चौरा आंदोलन का स्मरण करते हुए ट्वीट किया, दिल्ली पुलिस याद रखना। 1922 के चौरी-चौरा में क्या हुआ था।
आज अगर कोई आंदोलन हिंसक हो जाए तो आंदोलन को वापस लेने वाला कोई महात्मा नहीं है। आपको मोहरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। सोनम कपूर ने चुनौती भरे शब्दों में लिखा,जब आप मासूमों पर हमला करते हैं तो कम से कम अपना चेहरा दिखाने की हिमाकत करें। ये एकदम घिनौना है। तापसी पन्नू ने छात्रों पर हमले की कड़ी निंदा करते कहा, ‘‘ वो जगह जहां हमारा भविष्य तैयार हो रहा है, वहां की ये हालत है। इस पर हर ओर से दागÞ लग रहा है। ये ऐसा नुकसान है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। दुखद है। जेनेलिया देशमुख ने ट्वीट किया, नकाबपोश गुंडों के दृश्यों को देखने से बहुत परेशान हूं। जेएनयू में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर हमला- सरासर क्रूरता।
अपराधियों की पहचान करने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए पुलिस से विनम्र अपील करती हूं। रितेश देशमुख ने कहा, आपको अपना चेहरा ढंकने की आवश्यकता क्यों है? क्योंकि आप जानते हैं कि आप कुछ गÞलत, अवैध और दंडनीय काम कर रहे हैं। इसमें कोई सम्मान नहीं है-जेएनयू के अंदर नकाबपोश गुंडों द्वारा छात्रों और शिक्षकों पर हमलों को देखने के लिए इसकी भयावहता-ऐसी हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।’’ दीया मिर्जा ने सवालिया लहजे में कहा, कब तक इसे जारी रखने की अनुमति दी जाएगी? कब तक आंख मूंदोगे? राजनीति या धर्म के नाम पर कितने दिनों तक मासूम लोगों पर हमला किया जाएगा? अब बहुत हो गया है।