करण जौहर,अनुराग कश्यप, ज़ोया अख्तर और दिबाकर बैनर्जी यह हिंदी फिल्मों के निर्देशकों में से एक हैं। अब इन निर्देशकों ने एक साथ काम कर 'घोस्ट स्टोरीज़' लेकर आए है। इसमें फिल्म में जाह्नवी कपूर, सुरेखा सीकरी और विजय वर्मा हैं। जाह्नवी एक नर्स का रोल निभा रही हैं जिनको एक बूढ़ी और अमीर महिला की उसके घर में देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
उस घर में कोई नहीं रहता है और इसी दौरान नर्स अपने बॉयफ्रेंड को भी बुला लेती है। उस घर में कुछ ऐसी गतिविधियां होती हैं जो चौंका देती है। ज़ोया ने इस फिल्म में माहौल बहुत ही अच्छा बनाया है और केवल माहौल के बूते पर ही यह फिल्म अच्छी लगती है। पुराना घर, कम रोशनी, सुरेखा सीकरी का लुक इसमें भय का माहौल बनाता है। जाह्नवी ने तो इतना अच्छा अभिनय किया है कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। फिल्म का अंत चौंकाता है, हालांकि सभी दर्शक इससे संतुष्ट हो, यह जरूरी नहीं है।
इसके बाद आती है अनुराग कश्यप की फिल्म। ये एक्सपरिमेंटल और डार्क मूवी है। तनाव पैदा करने के लिए फिल्म में रंगों का बहुत कम इस्तेमाल किया गया है और यह ब्लैक एंड व्हाइट जैसी ही लगती है। यह ऐसी गर्भवती महिला (शोभिता धुलिपाला) की कहानी है तो अपनी बहन के 5-6 साल के बेटे की भी देखभाल कर रही है क्योंकि बहन की मौत हो चुकी है। बच्चा इस बात से चिढ़ता है कि मौसी के गर्भ में एक बच्चा है। उसे भय है कि मौसी को बच्चा होने के बाद वह उस पर ध्यान नहीं देगी। इस गर्भवती महिला का अतीत भी है जिसमें वह चिड़ियां के अंडे फोड़ देती है और इसी बात को लेकर वह परेशान भी है। इस फिल्म में जाह्नवी कपूर, विजय वर्मा, सुरेखा सिकरी, शोभिता धुलिपाला, सुकांत गोयल मृणाल और ठाकुर कलाकार है। यह फिल्म सिर्फ नेटफ्लिक्स * 18 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए है।