29 Mar 2024, 01:46:40 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

पणजी। गोवा की राजधानी पणजी में बुधवार से शुरू हुए 50वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में 10 भारतीय भाषाओं की 11 ऐसी चर्चित फिल्में भी दिखाई जा रही है जिसने इस वर्ष 50 साल पूरे कर लिए। इन फिल्मों में बॉक्स ऑफिस पर हिट फिल्म आराधना के अलावा सत्यकाम और भारत रत्न से सम्मानित फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे की चर्चित फिल्म  गोपी गायने बाघा बायने भी शामिल है। इनमें से कई फिमों को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
 
नौ दिन तक चलने वाले इस समारोह में हिंदी और बंगला के अलावा तमिल, तेलगु, कन्नड़, असमी, मराठी, पंजाबी, उड़िया और मलयालम भाषा की चुनिंदा फिल्में भी दिखाई जाएगी जिनके निर्माण के 50 साल इस वर्ष हो गए। ये सभी फिल्में 1969 में बनी थी। गौरतलब है कि यह स्वर्ण जयंती समारोह है। इसलिए इसमें ये फिल्में भी विशेष रूप से दिखाई जा रही हैं।
 
इनमें मलयालम फिल्म आदिमकाल, असमी फिल्म डॉ बेजबरुआ, तमिल फिल्म इरु कोदुगल, पंजाबी फिल्म नानक नाम जहाज है,  उड़िया फिल्म स्त्री, मराठी फिल्म तांबड़ी माती, कन्नड़ फिल्म  उय्यैल और तेलगु फिल्म  वाराकटनम शामिल है। वराकटनम  एनटी  रामाराव की फिल्म है। नानक नाम जहाज में पृथ्वी राज कपूर और आई एस जौहर हैं। निर्देशक राम माहेश्वरी है।
 
इरु कोदुगल में शिवाजी गणेशन है। इसके निर्देशक के बालाचंदर हैं। आराधना शक्ति सामंत की फिल्म  है जिसमे राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर हैं। इसमें किशोर कुमार के गाने ...मेरे सपनों की रानी कब आएगी... ने तब धूम मचा दी थी और यह गाना आज भी यादगार बना हुआ  है। सत्यकाम  के निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी थे। इसमें धर्मेंद्र, संजीव कुमार एवं अशोक कुमार भी थे। इसके अलावा शर्मिला टैगोर भी थीं। नई पीढ़ी के दर्शकों को 50 साल पुरानी फिल्में देखने का यह अनुपम अवसर होगा। 
 
 
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