मुंबई। बॉलीवुड में वैजयंती माला का नाम एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने दक्षिण भारतीय अभिनेत्रियों को बॉलीवुड में विशिष्ट पहचान दिलायी। तेरह अगस्त 1936 को तामिलनाडु में जन्मी वैजयंती माला ने अपने सिने करियर की शुरूआत महज 13 वर्ष की उम्र में एक तमिल फिल्म से की।वर्ष 1951 में प्रदर्शित फिल्म बहार से वैजयंती माला ने बॉलीवुड में भी अपने करियर की शुरूआत कर दी।वर्ष 1954 में प्रदर्शित फिल्म नागिन वैजयंती माला के सिने करियर की पहली सुपरहिट फिल्म साबित हुयी।
वर्ष 1955 में प्रदर्शित फिल्म देवदास वैजयंती माला के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। विमल राय के निर्देशन में शरदचंद्र के उपन्यास पर बनी इस फिल्म में वैजयंती माला ने चंद्रमुखी के किरदार को रूपहले पर्दे पर साकार किया है।इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी। वर्ष 1958 में प्रदर्शित फिल्म ..साधना..वैजयंती माला के करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार है।
बी.आर.चोपड़ा निर्मित-निर्देशित फिल्म साधना में वैजयंती माला अपने करियर में पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त करने में सफल रही। वर्ष 1958 में ही प्रदर्शित फिल्म मधुमती वैजयंती माला के करियर की एक और उल्लेखनीय फिल्म साबित हुयी। विमल राय निर्मित यह फिल्म पुर्नजन्म पर आधारित थी।इस फिल्म में वैजयंती माला ने तिहरी भूमिका निभाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया।इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिये नामांकित की गयी।