मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर का कहना है कि वह दिल टूटने के बाद गहरे सदमे में थे लेकिन वह उस दौर से उबर चुके हैं। शाहिद कपूर का कहना है कि वे भी उस दौर से गुजर चुके हैं, जब दिल टूटने के बाद वे खुद को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। उनके लिए इन नकारात्मक भावनाओं से उबरने का एक तरीका यह था कि वह काम में खुद को पूरी तरह से झोंक दें। शाहिद कपूर ने फिल्म ‘कबीर सिंह’ में शाहिद ने एक सर्जन की भूमिका निभाई है, जो दिल टूटने के बाद खुद को नुकसान पहुंचाता है।
शाहिद ने बताया कि मैं भी उस दौर से गुजरा हूं, जब दिल टूटने के बाद मैं गहरे सदमे में था, खुद को नुकसान पहुंचाना चाहता था और हर वक्त सोच और चिंता में डूबा रहता था। कुछ लोग जो सोचते हैं, उसे जाहिर कर देते हैं जबकि कुछ भावनाओं को अपने अंदर दबाए रहते हैं। यदि प्यार सच्चा होता है तो वहां गुस्सा भी उतना ही जोरदार हो सकता है।
‘कबीर सिंहएक ऐसा चरण है, जो हर किसी के जीवन में आता है और इसी वजह से मैं इस किरदार से जुड़ पाया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी नकारात्मक भावनाओं को कहीं और लगाया।उन्होंने कहा कि आपको हर किस्म की नकारात्मक भावनाओं को कोई और दिशा देनी होगी और इन्हें सकारात्मकता में बदलना होगा नहीं तो ये आपको गर्त में ले जाएंगी।
दिल टूटना भी इन्हीं नकारात्मकताओं में से एक है। आपको इन्हें कहीं और इस्तेमाल करने की कला सीखनी होगी। यदि आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप ‘कबीर सिंहबन जाएंगे। यह फिल्म 21 जून को रिलीज होगी।