भोपाल। वर्ष 2015-16 के लिए फिर से मध्यप्रदेश को कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा गया है। शनिवार को नई दिल्ली में कृषि उन्नत मेले में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न श्रेणियों के लिए यह पुरस्कार वितरित किया। प्रदेश की ओर से यह पुरस्कार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राप्त किया। इसमें प्रशस्ति-पत्र, ट्राफी सहित दो करोड़ की पुरस्कार राशि भी प्रदान की गई। मध्यप्रदेश को यह पुरस्कार दस लाख टन से अधिक गेहूं के उत्पादन के क्षेत्र में प्रदान किया गया है। मध्यप्रदेश को लगातार पांचवीं बार कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। साथ ही सेंट्रल जोन के अंतर्गत मध्यप्रदेश के दतिया जिले को उन्नत खेती और समग्र विकास के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रदेश में बढ़ा गेहूं उत्पादन
मध्यप्रदेश में गेहूं उत्पादन के मामले में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। वर्ष 2004-05 में गेहूं का उत्पादन 73 लाख 27 हजार मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2016-17 में बढ़कर 219 लाख 18 हजार मीट्रिक टन हो गया है। गेहूं की उत्पादकता वर्ष 2004-05 में 18.21 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2016-17 में बढ़कर 34.13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई है। प्रदेश ने गेहूं उत्पादन के मामले में पंजाब और हरियाणा को पीछे छोड़ दिया है। मध्यप्रदेश के शरबती गेहूं और ड्यूरम गेहूं ने देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपनी पहचान बनाई है। मध्यप्रदेश का शरबती गेहूं देशभर में प्रसिद्ध है। मध्यप्रदेश में कृषि विकास दर में पिछले पांच वर्षों में 18 प्रतिशत रही है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश में किसानों की आय पांच वर्ष में दोगुनी करने के लिये रोड-मेप तैयार कर लिया गया है। कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन, वानिकी, सिंचाई विस्तार, रेशम, कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग ने रोड-मेप पर कार्य शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश बीज प्रमाणीकरण के मामले में भी श्रेष्ठ स्थान पर है।
कृषि उत्पादकता प्रोत्साहन योजना
मुख्यमंत्री कृषि उत्पादकता प्रोत्साहन योजना रबी 2016-17 में गेहूं और खरीफ 2017 के धान उपार्जन करने वाले 9 लाख किसानों को प्रति क्विंटल 200 रुपए प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय भी राज्य सरकार ने लिया है। इस पर 1700 करोड़ की राशि खर्च होंगी। समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, गजेंद्र शेखावत और कृष्णा राज, प्रदेश के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा, कृषि उत्पादन आयुक्त पीसी मीणा व कृषि संचालक मोहनलाल मीणा मौजूद थे।
यूं रहा पुरस्कार का सफर
सर्वप्रथम वर्ष 2011-12, 2012-13 और 2014-15 में मध्यप्रदेश को कुल खाद्यान्न की श्रेणी में तथा वर्ष 2013-14 और वर्ष 2015-16 में गेहूं उत्पादन के क्षेत्र में यह पुरस्कार दिया गया।