भोपाल। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान सरकार के कार्यकाल में एक ही दिन में करोड़ों पौधे रोपने से जुड़े लगभग साढे चार सौ करोड़ रुपयों के घोटाले की जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) को सौंप दी है। राज्य के वन मंत्री उमंग सिंघार ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि दो जुलाई 2017 को नर्मदा नदी किनारे छह करोड़ पौधे लगाने के मामले में घोर अनियमितताएं तत्कालीन सरकार के जिम्मेदार लोगों ने की है। इसकी जांच ईओडब्ल्यू से कराने का निर्णय लिया गया है।सिंघार ने कहा कि इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री और तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
वन मंत्री ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोलते हुए कहा कि स्वयं को नर्मदा पुत्र बताने वाले चौहान के मुख्यमंत्री रहते साढ़े चार सौ करोड़ रुपयों का आर्थिक घोटाला किया गया। सिंघार ने कहा कि उन्होंने स्वयं बैतूल जिले में जांच करवायी। वहां पर 15 हजार गड्ढे खोदे जाने थे। वहां सिर्फ नौ हजार के आसपास ही गड्ढे मिले। इस तरह से एक दिन में कागजी पौधारोपण कर दिया गया।
उनका कहना है कि व्यवहारिक रूप में एक ही दिन में करोड़ों पौधे लगाना संभव नहीं है। दरअसल पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के कार्यकाल में दो जुलाई 2017 को एक ही दिन में नर्मदा नदी के तटों पर एकसाथ करोड़ों पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था। इसमें वन विभाग के अलावा अन्य विभागों का भी सहयोग लिया गया था। तब सरकार ने दावा किया था कि एक ही दिन में लक्ष्य के अनुरूप पौधों को रोपण कर दिया गया है।