भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश को पर्यटन प्रदेश के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटक मित्र बनाने और अधोसंरचना के विकास पर विशेष ध्यान देने को कहा है। कमलनाथ आज मंत्रालय में पर्यटन के क्षेत्र में रणनीति और भावी योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार की नीति का मुख्य आधार 'माउथ पब्लिसिटी' होना चाहिए। यह अधिक कारगर और प्रभावी होगा।
उन्होंने कहा कि पर्यटन उद्योग से लोगों को रोजगार मिले यह शासन की मंशा है। पर्यटन मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि पर्यटन नीति में ऐसे टूरिस्ट सर्किट और डेस्टिनेशन हब बनाना होंगे, जिससे पर्यटक एक से अधिक पर्यटन स्थलों को देख सके और वहाँ आसानी से पहुँच सके। उन्होंने बेहतर परिवहन के साथ हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी करने को कहा। इससे पर्यटकों का समय बचेगा और वे एक से अधिक स्थलों पर जा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन उद्योग को अधिक ऊँचाई पर ले जाने के लिए उन राज्यों की पर्यटन नीति का अध्ययन किया जाये, जहाँ पर्यटन रोजगार का मुख्य जरिया बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहुतायत में लगभग सभी अंचलों में पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक, रमणीय और विश्व प्रसिद्ध धरोहरें उपलब्ध हैं। जरूरत इस बात की है कि इसके लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार की ऐसी नीति तैयार करें, जिससे हमारे प्रदेश के पर्यटन उद्योग की तेजी से प्रगति हो।
उन्होंने कहा कि प्रचार-प्रसार नीति का अहम हिस्सा विज्ञापन के अलावा 'माउथ पब्लिसिटी' होना चाहिए, जो सबसे अधिक कारगर और प्रभावी है। उन्होंने कहा कि इससे हम प्रदेश के युवाओं को स्थानीय स्तर के साथ ही प्रदेश स्तर पर रोजगार दे सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इससे जुड़ी सभी सरकारी और गैर सरकारी एजेसियों और संस्थाओं में बेहतर तालमेल जरूरी है।
टूरिस्ट फ्रेंडली व्यवहार पर विशेष ध्यान देना होगा। प्रमुख सचिव पर्यटन हरिरंजन राव ने प्रदेश में वर्तमान में उपलब्ध पर्यटन स्थलों, संभावनाओं और आगामी रणनीति के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव वन के.के. सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन एवं अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।