नई दिल्ली। केन्द्र सरकार पेट्रोल और डीजल कारों की कीमतें बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार पेट्रोल और डीजल वाहनों पर अतिरिक्त सेस लगा सकती है। सरकार की योजना है कि इससे जो पैसा मिलेगा वह इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने में इस्तेमाल किया जाएगा।
ईटी की खबर के मुताबिक सरकार चाहती है कि प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री पर लगाम कसी जाए। इसके लिए सरकार दोनों तरह के वाहनों पर ग्रीन सेस लगाने की योजना बना रही है। इस कदम से न केवल सभी इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड वाहनों को सीधे सब्सिडी देने में मदद मिलेगी, साथ ही इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड वाहन निर्माताओं को भी वाहन निर्माण में मदद मिलेगी।
फिलहाल सरकार 2.6 लाख से ज्यादा वाहनों को फेम स्कीम (फास्टर एडोप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग आॅफ इलेक्ट्रिक एंड हाईब्रिड व्हीकल्स) के तहत प्रोत्साहित कर कर चुकी है। इसका फायदा यह हुआ है कि सरकार अभी तक 37 मिलियन लीटर तेल बचा चुकी है। फेम वेबसाइट के मुताबिक अभी तक सरकार 305 करोड़ बतौर सब्सिडी दे चुकी है।
2500 रुपए तक लग सकता है सेस
सरकार छोटे इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर 7500 रुपए और इलेक्ट्रिक बसों पर 1 करोड़ की सब्सिडी दे रही है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि कारों पर दो हजार से ढाई हजार रुपए और दो पहिया वाहनों पर 300 पर अतिरिक्त सेस लगा सकती है। हालांकि इससे खरीदारों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा, लेकिन सरकार के सेसपूल में काफी रुपया एकत्र हो जाएगा।