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Astrology

ऐसे शिवलिंग, जो साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 12 2018 2:35PM | Updated Date: Mar 12 2018 5:42PM
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भगवान शिव की लीला है कि जहां सभी देवी देवताओं के स्वरूप की पूजा होती है वहीं महादेव जो निर्विकार निराकार और ओंकार स्वरूप हैं उनकी लिंग रूप में पूजा होती है। लेकिन यह शिवलीला यहीं पर समाप्त नहीं होती है। भारत में कई  शिवलिंग ऐसे हैं जिन्हें चमत्कारी माना जाता है। कुछ शिवलिंग पर अपने आप जल की धारा बरसती है तो कुछ का आकार साल दरसाल बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे विज्ञान है या चमत्कार यह तो लोग अपनी-अपनी बुद्धि करते हैं लेकिन चर्चा तो कुछ ऐसी ही है। तो आइए देखें उन  शिवलिंग  को जिनका आकार लागातर बढ़ता जा रहा है और इसके पीछे क्या मान्यता है। 
 
कुछ शिवलिंग तो ऐसे भी हैं जिनके आकार का संबंध प्रलय से माना जाता है। हिमाचल प्रदेश में नाहन से करीब 8 किलिोमीटर की दूरी पर पौड़ीवाला शिव मंदिर है। इसका संबंध रावण से माना जाता है। कहते हैं कि रावण ने इसकी स्थापना की थी। इसे स्वर्ग की दूसरी पौड़ी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हर वर्ष महाशिवरात्रि के दिन यह शिवलिंग एक जौ के दाने के बराबर बढ़ता है। ऐसी धारणा है कि इस  शिवलिंग  में साक्षात शिव विराजते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। शिव की नगरी काशी में कई शिव मंदिर हैं जिनके विषय में अद्भुुत कथाएं हैं। इनमें एक शिवलिंग है
 
बाबा तिल भांडेश्वर का। कहते हैं यह सतयुग में प्रगट हुआ स्वयंभू  शिवलिंग है।  कलयुग से पहले तक यह  शिवलिंग हर दिन तिल आकार में बढ़ता था। लेकिन कलयुग के आगमन पर लोगों को यह चिंता सताने लगी कि यह इसी आकार में हर दिन बढ़ता रहा तो पूरी दुनिया इस  शिवलिंग में समा जाएगी। शिव की आराधाना की गई तब  शिव जी ने प्रगट होकर कहा कि अब से इस शिवलिंग का आकार हर साल मकर संक्रांति के दिन बढ़ेगा। कहते हैं उस समय से हर साल मकर संक्रांति के दिन इस शिवलिंग का आकार बढ़ता है।

 

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