गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है। प्राचीन ऋषि-मुनियों और विद्वानों ने कई परंपराएं बनाई गई हैं जिनका पालन करना काफी हद तक अनिवार्य बताया गया है। सुखी जीवन के लिए शास्त्रों में कई नियम और उपाय बताए गए हैं। अठारह पुराणों में 'गरुड़ महापुराण' का अपना एक विशेष महत्व है। इन नियमों का पालन करने पर दुख दूर रहते हैं। धर्मिक परिवेश और परंपराओं को भूल चुके , लोग आज अपने जीवन को बचाने में लगें हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार हमारे कर्मों का फल हमें हमारे जीवन में तो मिलता ही है। समय के साथ दिन प्रतिदिन परिर्वतन होता चला जा रहा है ले किन इसके साथ हम अपनी संस्कारो परम्पराओं और रीतियों को भूलाते जा रहे है जिसका आने वाले समय में बहुत बुरा परिणाम देखने को मिलेगा।लेकिन आज पहले की तरह जीवन में सुश-शांति नहीं बची है और ना ही धन का सुख.. जिस धन के लिए हम जीतोड़ मेहनत करते हैं, वो हमारे पास रुक नहीं पा रहा है। दरअसल ऐसा इसलिए है क्योंकि आज हम अपने संस्कारो परम्पराओं और रीतियों को भूलते जा रहे है जबकि ये धर्मग्रंथ हमें सुखी जीवन का मार्ग बताते हैं और अध्यात्म के साथ जीवन के दैनिक क्रियाकलापों और रहन-सहन का सही ढंग सीखाते हैं।
हालांकि गरुड़ पुराण के आचारकांड में कुछ नियम बताए गए हैं। आचारकांड के नीतिसार अध्याय के अनुसार दैनिक जीवन के कुछ क्रियाकालाप की वजह से हमें गरीबी का सामना करना पड़ सकता है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि जब लोगों को पूरे दिन कार्य करने की वजह से या समय नहीं बच पाता है तो रात में ही नाखून काटने लगते हैं। जबकि गरूण पुराण के अनुसार ये सही नही है। दरअसल इसके संबंध में ये मान्यता है कि रात में नाखून काटने से घर से लक्ष्मी नाराज होकर चली जाती हैं, जिससे घर में दरिद्रता का आगमन हो जाता है, और धन की भी किल्लत होने लगती है। दरअसल धर्म ग्रंथों या शास्त्रों में कुछ विशेष दिनों में दाढ़ी और बाल कटवाना चाहिए जैसे रविवार, सोमवार, बुधवार, और शुक्रवार को ही ये सब काम करने चाहिए। यदि इसके बाद किसी अन्य दिन ये काम करते है तो आप को भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है। हिंदु धर्म में तुलसी के पौधे को विशेष महत्व दिया जाता है, इसलिए सुबह जहां तुलसी में जल चढ़ाने का नियम हैं वहीं शाम के समय तुलसी के सामने दीपक जलाने का विधान है। पर वहीं शाम के समय ना तो तुलसी में जल चढ़ाना ना चाहिए और ना ही इसके पत्ते तोड़ना चाहिए। साथ ही शाम के वक्त तुलसी को छूना भी नहीं चाहिए.. ऐसा करना अशुभ माना जाता है। वहीं धार्मिक मान्यताओं की माने तो शाम के समय सूर्य के अस्त हो जाने के बाद कभी भी झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। जिससे कि ऐसा करने पर घर की सकारात्मक ऊर्जा और बरक्कत बाहर निकल जाती है और इस कारण घर में दरिद्रता आती है। इसलिए कोशिश करें कि सूर्य के अस्त होने से पहले ही घर की साफ-सफाई कर लें। वहीं रात के भोजन के पश्चात रसोई घर में जुठे बर्तन रखना भी अशुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से घर की लक्ष्मी की नाराज होकर चली जाती हैं, जिससे घर में दरिद्रता और गरीबी घेरे रहने लगती है।