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Astrology

रक्षाबंधन : भाई-बहन का त्योहार पौराणिक कथाओं में है इस पर्व का जिक्र

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 11 2019 1:37AM | Updated Date: Aug 11 2019 1:37AM
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रक्षा बंधन का शाब्दिक अर्थ रक्षा का बंधन होता है। भाई अपनी बहन को हर मुश्किल से रक्षा करने वचन देता है। बहनें अपने भाई की लंबी आयु की कामना करती हैं। इसे राखी पूर्णिमा के तौर पर भी जाना जाता है। यह त्योहार हिंदू चंद्र कैलेंडर के सावन माह में पूर्ण चंद्र के दिन होता है, जिसे पूर्णिमा कहा जाता है। इस बार रक्षाबंधन का यह त्योहार 15 अगस्त को है। राखी एक धर्मनिरपेक्ष त्योहार है।

इसे पूरे देश में मनाया जाता है। राज्य, जाति और धर्म कोई भी हो, हर व्यक्ति इसे मनाता है। भारत के अलावा राखी मॉरीशस और नेपाल में भी मनाई जाती है। रक्षा बंधन भाई-बहन के प्यार का त्योहार है, एक मामूली सा धागा जब भाई की कलाई पर बंधता है, तो भाई भी अपनी बहन की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर करने को तैयार हो जाता है। रक्षाबंधन का इतिहास काफी पुराना है, जो सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ा हुआ है। असल में रक्षाबंधन की परंपरा उन बहनों ने डाली थी जो सगी नहीं थीं, भले ही उन बहनों ने अपने संरक्षण के लिए ही इस पर्व की शुरुआत क्यों न की हो, लेकिन उसकी बदौलत आज भी इस त्योहार की मान्यता बरकरार है।

तुलसी एवं नीम के पेड़ को भी बांधे राखी

पहले तुलसी और नीम के पेड़ को राखी बांधी जाती थी सदियों से चली आ रही रीति के मुताबिक, बहन भाई को राखी बांधने से पहले प्रकृति की सुरक्षा के लिए तुलसी और नीम के पेड़ को राखी बांधती है जिसे वृक्ष-रक्षाबंधन भी कहा जाता है। हालांकि आजकल इसका प्रचलन नही है। राखी सिर्फ बहन अपने भाई को ही नहीं बल्कि वो किसी खास दोस्त को भी राखी बांधती है जिसे वो अपना भाई जैसा समझती है और तो और रक्षाबंधन के दिन पत्नी अपने पति को और शिष्य अपने गुरु को भी राखी बांधते हैं।
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