ग्रह रत्न धारण करने का विशेष नियम है। अगर कुण्डली में सूर्य को जगाना हो बलशाली बनाना हो तो सोने की अंगूठी में माणिक्य धारण करना चाहिए। सोना सूर्य का धातु है और माणिक्य उसका रत्न अत: दोनों मिलकर परिणाम अनुकूल बनाते हैं। इसी प्रकार सभी ग्रहों का अपना रत्न और धातु है। ग्रहों के मंदे फल से बचने के लिए जब भी अंगूठी बना रहे हों इस बात का ख्याल रखना चाहिए। चन्द्रमा का रत्न है मोती और धातु है चांदी। मंगल का रत्न है मूंगा और धातु है तांबा। बुध का रत्न है पन्ना और धातु है सोना इसी प्रकार से गुरू का रत्न पुखराज है और धातु है सोना। शुक्र का रत्न है हीरा और धातु है चांदी। शनि का रत्न नीलम और धातु है लोहा। राहु का प्रिय रत्न है गोमेद और धातु है अष्टधातु। केतु का रत्न है लहसुनियां जिसे सोना अथवा तांबा किसी भी अंगूठी में धारण किया जा सकता है। केतु के नेक फल के लिए लहसुनिया के बदले दो रंगा पत्थर भी धारण किया जा सकता है।