हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज सोमवार को सोमवती अमावस्या के साथ शनि जयंती एवं वट सावित्री व्रत का संयोग पढ़ने जा रहा है । आज सोमवती अमावस्या के दिन पंच महायोग होने से पूजा अर्चना किए जाने पर कई प्रकार के दोषों का निवारण हो सकता है । आज सर्वार्थ सिद्धि योग अमृत योग एवं गजकेसरी योग जैसे शुभ योगों के मध्य तीन पर्वों का संयोग बन रहा है ।आश्चर्य का विषय है कि ग्रहों में प्रधान माने जाने वाले शनिदेव का जन्म किसी शनिवार के दिन नहीं बल्कि ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हुआ था।
आज जेष्ठ पक्ष अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाएगी। आज अमावस्या उदया तिथि के रूप में अपरान्ह 03:32 तक व्याप्त रहेगी। चन्द्र के नक्षत्र रोहिणी में आज शनि जयंती मनाई जाएगी। वट सावित्री व्रत एवं सोमवती अमावस्या के संयोग में आज मनाई जाने वाली शनि जयंती शनि जनित पीड़ाओं के निवारण हेतु विशिष्ट हो गई है। शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार सोमवार के दिन आने वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या के नाम से जानी जाती है जो वर्ष की 12 अमावस्याओं में बेहद महत्वपूर्ण है। सोमवती अमावस्या के दिन स्नान एवं दान का विशेष महत्व माना गया है।
ज्योतिष की मान्यताओं के अनुसार नव ग्रहों में शनि का गोचर प्रभाव सर्वाधिक प्रभावशाली होता है। इनमें साढ़ेसाती ,चतुर्थ अढैया,अष्टम अढैया एवं कंटक शनि उल्लेखनीय हैं। वर्तमान समय में शनि धनु राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके प्रभाव वश वृश्चिक ,धनु एवं मकर राशि वाले साढ़ेसाती से, वृषभ कन्या राशि वाले अढैया से तथा सिंह राशि वाले कंटक शनि के प्रभाव में चल रहे हैं। इन विशेष राशि वालों को आज शनि जयंती के शुभ अवसर पर शनि के निवारण हेतु उपाय एवं उपचार कर्म अवश्य करने चाहिए।
ज्योतिर्विद राजेश साहनी