जब एक बच्चे का जन्म होता है तभी उस बच्चे की मृत्यु के समय का भी निर्धारण हो जाता है। जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के आधार पर उसके भाग्य का फैसला होता है व जीवन में भविष्य के कर्मों का निर्धारण होता है। ऐसे में उसकी मृत्यु का समय भी निर्धारित हो जाता है साथ ही उसकी मृत्यु कब होगी व कैसे होगी इस बात का भी निर्धारण पहले ही हो जाता है।
इसके साथ ही हिन्दू धर्म में माना जाता है कर्मों के आधार पर दण्ड मिलता है, ऐसे में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। भगवान शनि ही हर किस के अच्छे बुरे कर्मों के आधार पर उसको मिलने वाले फल का निर्धारण करते हैं।
अगर किसी व्यक्ति की कुंड़ली में शनि की दृष्टी का शुभ व अशुभ होने महत्व रखता है। अगर कुंडली में शनि की शुभ स्थिति है तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में किसी भी कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता। वहीं अगर किसी की कुंडली में शनि की अशुभ दृष्टी पड़ती है तो उस व्यक्ति को जीवनभर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मेष राशि- इस राशि के अधिकतर लोगो को यह जानकर हैरानी होगी कि इस राशि के लोगो की मृत्यु असमय होती है।वैसे तो किसी भी व्यक्ति का जीवन और मरण भगवान जी तय करते हैं इस बारे में कोई भी व्यक्ति कुछ कह नहीं सकता लेकिन फिर भी इस राशि के लोगो को सावधान रहने की जरुरत हैं।
वृश्चिक राशि - इस राशि के लोगो के लिए माना जाता है कि इस राशि के लोगो के अधिकतर लोगो की मृत्यु असमय होती है। इस राशि के लोगो पर शनि का प्रकोप सबसे ज्यादा होता है। जिस कारण से इस राशि के लोगो को असमय मृत्यु हो जाती है।
मीन राशि- इस राशि के लोगो के लिए भी माना जाता है कि इनकी मृत्यु अधिकर जल्दी हो जाती है। इस राशि के अधिकत लोगो को अल्प आयु प्राप्त होती है।