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Astrology

ग्यारस में इस बार नहीं गूंजेगी शहनाई, इसलिए नहीं होंगे विवाह

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 11 2018 10:50AM | Updated Date: Nov 11 2018 10:50AM
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इस बार देवउठनी ग्यारस पर चातुर्मास का समापन होगा और शयन पर गए श्रीहरि विष्णु जागेंगे लेकिन इसके बावजूद शहनाई नहीं बजेगी। ऐसा होगा देवउठनी ग्यारस के छह दिन पहले गुरु का तारा अस्त होने से। इसके चलते वैवाहिक आयोजनों का इंतजार कर रहे लोगों को खासा इंतजार करना पड़ेगा। वहीं ग्यारस से पूर्व वैवाहिक कार्यक्रमों को लेकर बैंड-बाजों, बारात घरों की बुकिंग शुरू है।
 
हालांकि मतमतांतर के साथ अबूझ मुहूर्त में से एक देवउठनी ग्यारस पर कुछ शादियां होंगी, जबकि कुछ पंचांग में दिसंबर माह में भी चुनिंदा मुहूर्त दिए गए हैं। ज्योतिर्विदें के मुताबिक देवउठनी ग्यारस दीपावली के 11 दिन बाद 19 नवंबर को होगी। इस दिन तुलसी विवाह के आयोजन होंगे। इससे पहले 12 नवंबर को गुरु का तारा अस्त होगा, जिसका उदय 7 दिसंबर को होगा। इसके बाद 16 दिसंबर को धनु मलमास लगेगा, जो मकर संक्रांति तक रहेगा। इस दौरान भी मांगलिक कार्य निषेध रहेंगे।
 
यह भी कहते हैं कुछ पंचांग
कुछ पंचांगों में जरूर 7 दिसंबर से 16 दिसंबर के मध्य कुछ विवाह के मुहूर्त दिए गए हैं। दिसंबर में कुछ पंचांगों में 11, 12 और 13 को विवाह के मुहूर्त हैं। जनवरी 2019 में 17, 18, 22, 23, 25, 26, 29, 30 और फरवरी में 8, 9, 10, 14, 19, 20, 21 को विवाह के मुहूर्त हैं। मार्च में 7, 8, 9 और 12 तारीख को विवाह होंगे। इसके बाद 13 मार्च से 9 अप्रैल तक खरमास होने से वैवाहिक आयोजन पर रोक लग जाएगी।
 
इसलिए नहीं होंगे विवाह
विवाह मुहूर्त देखते समय त्रिबल शुद्धि के साथ गुरु और शुक्र के तारे पर भी विचार करना आवश्यक है। इसका कारण यह है कि शुक्र भोग-विलास का नैसर्गिक कारक होने से दांपत्य सुख का प्रतिनिधि है। गुरु कन्या के लिए पति कारक होता है। इन दोनों ग्रहों का अस्त होना दांपत्य जीवन के लिए हानिकारक माना जाता है।  इन दोनों ग्रहों में से कोई भी अस्त होने पर विवाह नहीं किया जाता है।
 
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