मुस्लिम कैलेंडर के मुताबिक नौंवा महीना रमजान का माना जाता हैं। इस महीने में मुसलिम समाज के लोग रोजा (उपवास) रखते हैं और खुदा को याद करते हैं। 17 मई यानी आज से रमजान की शुरुआत हो रही है, ऐसे में हम आपको बता रहे हैं इस पाक महीने से जुड़ी कुछ जरूरी बातें, जिन्हें माने बिना खुदा की इबादत अधूरी रहती है।
रोजा तो बहुत-से लोग रखते हैं, लेकिन इससे जुड़े नियमों का पालन करने के बारे में कम ही लोगों को जानकारी होती है। यहां जानिए, रोजे से जुड़े जरूरी नियम…
रमजान के महीने में जब तक रोजा इफ्तार नहीं किया जाता तब तक खाने की बात करना तो दूर इस बारे में सोचना भी नहीं चाहिए।
वैसे तो बुरी आदतों से हमेशा ही दूर रहना चाहिए लेकिन इस पाक महीने में बुरी आदतों और लत से दूर रहने की सख्त हिदायत है।
क्या आप जानते हैं कि रोजे के दौरान अगर कोई शख्स झूठ बोलता है, पीठ पीछे किसी की बुराई करता है या किसी की झूठी कसम खाता है तो उसका रोजा टूटा हुआ माना जाता है? जी हां, ऐसा ही है।
रमजान मन को साधने का महीना होता है। इसीलिए सख्त नियमों के द्वारा रोजेदार को हर बुरी चीज से दूर रहना होता है।
दान और पुण्य का महीना होता है रमजान। इस दौरान गरीबों की यथासंभव मदद करनी चाहिए। जरूरतमंदों को उनकी जरूरत का सामान देकर सवाब कमाया जाता है।
धार्मिक आस्था है कि रमजान के महीने में जो भी नेक कार्य किए जाते हैं, उनका 70 गुना पुण्य मिलता है।
पूरे साल में आपसे जाने-अनजाने जो भी गुनाह हुए हैं उनके लिए इस महीने में माफी मांगी जाती है और आगे की बेहतर जिंदगी के लिए दुआ की जाती है।